श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 69: रावण के पुत्रों और भाइयों का युद्ध के लिये जाना और नरान्तक का अङ्गद के द्वारा वध  »  श्लोक 54-55h
 
 
श्लोक  6.69.54-55h 
 
 
तत: शैलैश्च खड्गैश्च विसृष्टैर्हरिराक्षसै:॥ ५४॥
मुहूर्तेनावृता भूमिरभवच्छोणितोक्षिता।
 
 
अनुवाद
 
  तत्पश्चात दोनों तरफ के हरी और राक्षस जबल और तलवारों से हमला करने लगे। देखते ही देखते भूमि युद्ध के कारण रक्त के बहाव से तर-बतर और पहाड़ों और तलवारों से आच्छादित हो गयी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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