श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 69: रावण के पुत्रों और भाइयों का युद्ध के लिये जाना और नरान्तक का अङ्गद के द्वारा वध  »  श्लोक 5
 
 
श्लोक  6.69.5 
 
 
त्वयासकृद्धि शस्त्रेण विशस्ता देवदानवा:।
स सर्वायुधसम्पन्नो राघवं शास्तुमर्हसि॥ ५॥
 
 
अनुवाद
 
  तुमने पहले भी एक ही शस्त्र से देवताओं और दानवों को कई बार हराया है, इसलिये अब जब तुम सभी प्रकार के हथियारों से लैस हो, तो तुम राम को भी दण्ड दे सकते हो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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