श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 69: रावण के पुत्रों और भाइयों का युद्ध के लिये जाना और नरान्तक का अङ्गद के द्वारा वध  »  श्लोक 31
 
 
श्लोक  6.69.31 
 
 
देवान्तक: समादाय परिघं हेमभूषणम्।
परिगृह्य गिरिं दोर्भ्यां वपुर्विष्णोर्विडम्बयन्॥ ३१॥
 
 
अनुवाद
 
  देवान्तक ने सोने के आभूषणों से सुशोभित परिघ को हाथ में लेकर और दोनों हाथों से मंदराचल पर्वत को उठाकर भगवान विष्णु के स्वरूप की नकल करने का प्रयास किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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