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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 69: रावण के पुत्रों और भाइयों का युद्ध के लिये जाना और नरान्तक का अङ्गद के द्वारा वध
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श्लोक 1
श्लोक
6.69.1
एवं विलपमानस्य रावणस्य दुरात्मन:।
श्रुत्वा शोकाभिभूतस्य त्रिशिरा वाक्यमब्रवीत्॥ १॥
अनुवाद
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जब दुरात्मा रावण इस प्रकार विलाप करता जा रहा था, उसकी पीड़ा से व्यथित होकर त्रिशिरा बोला-
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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