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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 68: कुम्भकर्ण के वध का समाचार सुनकर रावण का विलाप
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श्लोक 22
श्लोक
6.68.22
विभीषणवचस्तावत् कुम्भकर्णप्रहस्तयो:।
विनाशोऽयं समुत्पन्नो मां व्रीडयति दारुण:॥ २२॥
अनुवाद
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विभीषण की चेतावनी बिलकुल सच निकली। कुंभकर्ण और प्रहस्त का नाश हो गया है। मुझे अब बहुत शर्म आ रही है कि मैंने उनकी बात नहीं मानी।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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