श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 65: कुम्भकर्ण की रणयात्रा  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  6.65.9 
 
 
एवमुक्तवतो वाक्यं कुम्भकर्णस्य धीमत:।
प्रत्युवाच ततो वाक्यं प्रहसन् राक्षसाधिप:॥ ९॥
 
 
अनुवाद
 
  जब कुम्भकर्ण ने इस प्रकार अपने वीरतापूर्ण शब्दों को बोल लिया, तब राक्षसों के राजा रावण हँसते हुए बोले।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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