श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 65: कुम्भकर्ण की रणयात्रा  »  श्लोक 15
 
 
श्लोक  6.65.15 
 
 
एवमुक्त्वा महातेजा: कुम्भकर्णं महाबलम्।
पुनर्जातमिवात्मानं मेने राक्षसपुङ्गव:॥ १५॥
 
 
अनुवाद
 
  राक्षसों के राजा, रावण ने महाबली कुम्भकर्ण से ये शब्द कहे और उसे पुनर्जन्म हुआ-सा महसूस हुआ।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.