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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 13
श्लोक
6.65.13
संगच्छ शूलमादाय पाशहस्त इवान्तक:।
वानरान् राजपुत्रौ च भक्षयादित्यतेजसौ॥ १३॥
अनुवाद
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‘तू शूल लेकर यमराज की तरह ही चल और सूर्य के समान तेजस्वी उन दोनों राजकुमारों और वानरों को मारकर खा जा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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