श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 61: विभीषण का श्रीराम को कुम्भकर्ण का परिचय देना, श्रीराम की आज्ञा से वानरों का लङ्का के द्वारों पर डट जाना  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  6.61.36 
 
 
शैलशृङ्गाणि वृक्षांश्च शिलाश्चाप्युपसंहरन्।
भवन्त: सायुधा: सर्वे वानरा: शैलपाणय:॥ ३६॥
 
 
अनुवाद
 
  पर्वत की चोटियाँ, पेड़ और पत्थर इकट्ठा करो। तुम और सभी वानर हथियार, तीर-कमान और पत्थर लेकर तैयार रहो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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