श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 61: विभीषण का श्रीराम को कुम्भकर्ण का परिचय देना, श्रीराम की आज्ञा से वानरों का लङ्का के द्वारों पर डट जाना  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  6.61.22 
 
 
वासवस्य वच: श्रुत्वा सर्वलोकपितामह:।
रक्षांस्यावाहयामास कुम्भकर्णं ददर्श ह॥ २२॥
 
 
अनुवाद
 
  वासुदेव के वचन सुनकर सम्पूर्ण लोकों के पितामह ब्रह्मा ने समस्त राक्षसों को बुलाया और कुम्भकर्ण से भी मिलकर बातचीत की|
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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