श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 58: नील के द्वारा प्रहस्त का वध  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  6.58.9 
 
 
जगृहु: पादपांश्चापि पुष्पितांस्तु गिरींस्तथा।
शिलाश्च विपुला दीर्घा योद‍्धुकामा: प्लवंगमा:॥ ९॥
 
 
अनुवाद
 
  तब वानरों ने युद्ध की इच्छा से खिले हुए वृक्ष, पर्वत तथा बड़े-बड़े पत्थरों को उठा लिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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