श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 57: प्रहस्त का रावण की आज्ञा से विशाल सेना सहित युद्ध के लिये प्रस्थान  »  श्लोक 42
 
 
श्लोक  6.57.42 
 
 
नदतां राक्षसानां च वानराणां च गर्जताम्।
उभे प्रमुदिते सैन्ये रक्षोगणवनौकसाम्॥ ४२॥
 
 
अनुवाद
 
  एक ओर राक्षस सिंहनाद कर रहे थे और दूसरी ओर वानर गरज रहे थे। उनकी नाद भरी लड़ाई के कारण वहाँ का सारा वातावरण भयानक हो गया था। राक्षस और वानरों की दोनों सेनाओं में हर्ष और उल्लास भरा हुआ था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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