श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 56: हनुमान जी के द्वारा अकम्पन का वध  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  6.56.4 
 
 
एते च बलवन्तो वा भीमकोपाश्च वानरा:।
द्रुमशैलप्रहरणास्तिष्ठन्ति प्रमुखे मम॥ ४॥
 
 
अनुवाद
 
  ये वानर बलशाली ज़रूर हैं, लेकिन इनका क्रोध भी अति भयंकर है। ये मेरे सामने खड़े हैं और पेड़-पत्थर उठाकर मुझ पर हमला कर रहे हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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