वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 6: युद्ध काण्ड
»
सर्ग 54: वज्रदंष्ट्र और अङ्गद का युद्ध तथा अङ्गद के हाथ से उस निशाचर का वध
»
श्लोक 17
श्लोक
6.54.17
वज्रदंष्ट्रोऽङ्गदश्चोभौ योयुध्येते परस्परम्।
चेरतु: परमक्रुद्धौ हरिमत्तगजाविव॥ १७॥
अनुवाद
play_arrowpause
तब क्रोध में भरे वज्रदंष्ट्र और अंगद ने एक-दूसरे से युद्ध करना शुरू कर दिया। युद्ध के मैदान में दोनों ऐसे लग रहे थे जैसे कि जंगल में दो विशाल मतवाले हाथी लड़ रहे हों।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.