श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 53: वज्रदंष्ट्र का सेना सहित युद्ध के लिये प्रस्थान, वानरों और राक्षसों का युद्ध, अङ्गद द्वारा राक्षसों का संहार  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  6.53.20 
 
 
केचिदन्योन्यमासाद्य शूरा: परिघबाहव:।
चिक्षिपुर्विविधान् शस्त्रान् समरेष्वनिवर्तिन:॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  युद्ध में पीछे न हटने वाले और घेरे की तरह विशाल बाहों वाले अनेक शूरवीर एक-दूसरे के सामने आकर विभिन्न प्रकार के हथियारों का प्रयोग करते थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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