वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 6: युद्ध काण्ड
»
सर्ग 53: वज्रदंष्ट्र का सेना सहित युद्ध के लिये प्रस्थान, वानरों और राक्षसों का युद्ध, अङ्गद द्वारा राक्षसों का संहार
»
श्लोक 20
श्लोक
6.53.20
केचिदन्योन्यमासाद्य शूरा: परिघबाहव:।
चिक्षिपुर्विविधान् शस्त्रान् समरेष्वनिवर्तिन:॥ २०॥
अनुवाद
play_arrowpause
युद्ध में पीछे न हटने वाले और घेरे की तरह विशाल बाहों वाले अनेक शूरवीर एक-दूसरे के सामने आकर विभिन्न प्रकार के हथियारों का प्रयोग करते थे।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.