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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 51: श्रीराम के बन्धनमुक्त होने का पता पाकर चिन्तित हए रावण का धूम्राक्ष को युद्ध के लिये भेजना
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श्लोक 9
श्लोक
6.51.9
तौ च मुक्तौ सुघोरेण शरबन्धेन राघवौ।
समुत्थितौ महाभागौ विषेदु: सर्वराक्षसा:॥ ९॥
अनुवाद
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जब यह समाचार फैला कि महाभाग श्रीराम और लक्ष्मण उस अति भयंकर नागपाश से मुक्त होकर उठ खड़े हुए हैं, तब सभी राक्षसों को बड़ा दुःख हुआ।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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