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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 50: विभीषण को इन्द्रजित समझकर वानरों का पलायन, गरुड़ का आना और श्रीराम लक्ष्मण को नागपाश से मुक्त करके जाना
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श्लोक 22
श्लोक
6.50.22
गरुडाधिष्ठितावेतावुभौ राघवलक्ष्मणौ।
त्यक्त्वा मोहं वधिष्येते सगणं रावणं रणे॥ २२॥
अनुवाद
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गरुड़ पर सवार दोनों भाई राघव श्रीराम और लक्ष्मण, रणभूमि में रावण और उसके राक्षसों के गणों का वध करेंगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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