श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 44: रात में वानरों और राक्षसों का घोर युद्ध, अङ्गद के द्वारा इन्द्रजित की पराजय, इन्द्रजित द्वारा श्रीराम और लक्ष्मण को बाँधना  »  श्लोक 13
 
 
श्लोक  6.44.13 
 
 
हतानां स्तनमानानां राक्षसानां च नि:स्वन:।
शस्तानां वानराणां च सम्बभूवात्र दारुण:॥ १३॥
 
 
अनुवाद
 
  मारे गए राक्षसों की कराह और हथियारों से घायल हुए वानरों की चीख-पुकार से युद्ध का मैदान भयावह लग रहा था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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