श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 42: लङ्का पर वानरों की चढ़ाई तथा राक्षसों के साथ उनका घोर युद्ध  »  श्लोक 41
 
 
श्लोक  6.42.41 
 
 
एतस्मिन्नन्तरे घोर: संग्राम: समपद्यत।
रक्षसां वानराणां च यथा देवासुरे पुरा॥ ४१॥
 
 
अनुवाद
 
  एतस्मिन्नन्तरे रक्षसों और वानरों के बीच घोर संग्राम छिड़ गया, बिल्कुल जैसे पूर्वकाल में देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हुआ था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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