श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 42: लङ्का पर वानरों की चढ़ाई तथा राक्षसों के साथ उनका घोर युद्ध  »  श्लोक 32
 
 
श्लोक  6.42.32 
 
 
तत: कोपपरीतात्मा रावणो राक्षसेश्वर:।
निर्याणं सर्वसैन्यानां द्रुतमाज्ञापयत् तदा॥ ३२॥
 
 
अनुवाद
 
  तब अत्यंत क्रोध से भरे हुए राक्षसों के राजा रावण ने तुरंत अपनी सारी सेना को तत्काल बाहर निकलने की आज्ञा दी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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