श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 42: लङ्का पर वानरों की चढ़ाई तथा राक्षसों के साथ उनका घोर युद्ध  »  श्लोक 17
 
 
श्लोक  6.42.17 
 
 
तत: सहस्रयूथाश्च कोटियूथाश्च यूथपा:।
कोटियूथशताश्चान्ये लङ्कामारुरुहुस्तदा॥ १७॥
 
 
अनुवाद
 
  तब सहस्रों युद्ध, करोड़ों युद्ध और सैंकड़ों करोड़ युद्धों के साथ कई युद्धपति उस समय लंका के किले पर चढ़ गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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