श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 42: लङ्का पर वानरों की चढ़ाई तथा राक्षसों के साथ उनका घोर युद्ध  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  6.42.16 
 
 
परिखान् पूरयन्तश्च प्रसन्नसलिलाशयान्।
पांसुभि: पर्वताग्रैश्च तृणै: काष्ठैश्च वानरा:॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  वानरों ने स्वच्छ जल से भरी हुई खाइयों को धूल, पहाड़ों की चोटियों, घास-फूस और लकड़ियों से भर दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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