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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 42: लङ्का पर वानरों की चढ़ाई तथा राक्षसों के साथ उनका घोर युद्ध
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श्लोक 13
श्लोक
6.42.13
प्रेक्षतो राक्षसेन्द्रस्य तान्यनीकानि भागश:।
राघवप्रियकामार्थं लङ्कामारुरुहुस्तदा॥ १३॥
अनुवाद
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राक्षसराज रावण की आँखों के सामने ही विभिन्न दलों में बँटे वे वानर सैनिक लङ्का के किले पर चढ़ गए, जिससे भगवान श्री राम प्रसन्न हों।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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