श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 41: श्रीराम का सुग्रीव को दुःसाहस से रोकना, लङ्का के चारों द्वारों पर वानरसैनिकों की नियक्ति, रामदत अङद का रावण के महल में पराक्रम तथा वानरों के आक्रमण से राक्षसों को भय  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  6.41.23 
 
 
इत्येवं तु वदन् वीरो लक्ष्मणं लक्ष्मणाग्रज:।
तस्मादवातरच्छीघ्रं पर्वताग्रान्महाबल:॥ २३॥
 
 
अनुवाद
 
  लक्ष्मण से ऐसा कहकर वीर महाबली श्रीरामचन्द्रजी तुरंत उस पहाड़ की चोटी से नीचे उतर आए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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