लङ्का पुरी चम्पा, अशोक, बकुल, शाल और ताल-वृक्षों से व्याप्त है। तमाल-वन से आच्छादित और नाग केसरों से आवृत है। इन्द्र की अमरावती के समान शोभा पाती है। हिंताल, अर्जुन, नीप (कदम्ब), खिले हुए छितवन, तिलक,कनेर तथा पाटल आदि नाना प्रकार के दिव्य वृक्षों से जिनके अग्रभाग फूलों के भार से लदे थे तथा जिन पर लताबल्लरियाँ फैली हुई थीं यह लङ्कापुरी अत्यंत सुंदर दिखती थी।