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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 39: वानरों सहित श्रीराम का सुवेलशिखर से लङ्कापुरी का निरीक्षण करना
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श्लोक 22
श्लोक
6.39.22
यस्यां स्तम्भसहस्रेण प्रासाद: समलंकृत:।
कैलासशिखराकारो दृश्यते खमिवोल्लिखन्॥ २२॥
अनुवाद
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उस नगरी में स्तंभों से सुशोभित एक चैत्य-मंदिर था जो कैलास पर्वत की चोटी जैसा दिखायी देता था। ऐसा लगता था मानो यह आकाश तक पहुँच रहा हो॥ २२॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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