श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 35: माल्यवान् का रावण को श्रीराम से संधि करने के लिये समझाना  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  6.35.19 
 
 
मुख्यैर्यज्ञैर्यजन्त्येते तैस्तैर्यत्ते द्विजातय:।
जुह्वत्यग्नींश्च विधिवद् वेदांश्चोच्चैरधीयते॥ १९॥
 
 
अनुवाद
 
  मुख्य-मुख्य यज्ञों द्वारा द्विजगण यजन करते, विधिवत् अग्नि में आहुतियाँ देते और ऊँची आवाज़ में वेदों का पाठ करते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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