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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 33: सरमा का सीता को सान्त्वना देना, रावण की माया का भेद खोलना, श्रीराम के आगमन और उनके विजयी होने का विश्वास दिलाना
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श्लोक 17
श्लोक
6.33.17
अनेन प्रेषिता ये च राक्षसा लघुविक्रमा:।
राघवस्तीर्ण इत्येवं प्रवृत्तिस्तैरिहाहृता॥ १७॥
अनुवाद
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‘रावणने जो-जो शीघ्रगामी राक्षस भेजे थे, वे सब यहाँ यही समाचार लाये हैं कि ‘श्रीरघुनाथजी समुद्रको पार करके आ गये’॥ १७॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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