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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 32: श्रीराम के मारे जाने का विश्वास करके सीता का विलाप तथा रावण का सभा में जाकर मन्त्रियों के सलाह से युद्धविषयक उद्योग करना
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श्लोक 16
श्लोक
6.32.16
इह शेषे महाबाहो मां विहाय तपस्विनीम्।
प्रियामिव यथा नारीं पृथिवीं पुरुषर्षभ॥ १६॥
अनुवाद
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महाबाहो पुरुषोत्तम! आप मुझे, जो एक तपस्विनी हूँ, त्यागकर अपनी प्रियतमा नारी की तरह इस पृथ्वी को आलिंगन करके यहाँ सो रहे हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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