श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 22: नल के द्वारा सागर पर सौ योजन लंबे पुल का निर्माण तथा उसके द्वारा श्रीराम सहित वानरसेना का उस पार पड़ाव डालना  »  श्लोक 71
 
 
श्लोक  6.22.71 
 
 
चतुर्थेन तथा चाह्ना द्वाविंशतिरथापि वा।
योजनानि महावेगै: कृतानि त्वरितैस्तत:॥ ७१॥
 
 
अनुवाद
 
  चौथे दिन में तकड़ी गति से और जल्दी काम कर सकने वाले वानरों ने बाईस योजन लंबा पुल और बाँध बनाया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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