इस प्रकार मैं विश्वकर्मा का वैध पुत्र हूं और शिल्पकर्म में उनके समान ही हूं। इस समुद्र ने आज मुझे इन सब बातों की याद दिला दी है। समुद्र ने जो कुछ कहा है, वह बिल्कुल सत्य है। मैं आपलोगों से बिना पूछे अपने गुणों के बारे में नहीं बता सकता था, इसीलिए अब तक चुप था।