अद्यः अक्षोभ्य सागर को भी मैं क्रोधित होकर क्षुब्ध कर दूँगा। यह लाखों लहरों से भरा है फिर भी यह हमेशा अपने तट की मर्यादा में ही रहता है, लेकिन अपने बाणों से मैं इसकी मर्यादा नष्ट कर दूँगा। राक्षसों से भरे इस विशाल सागर में मैं हलचल मचा दूँगा और तूफान लाऊँगा।