वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 6: युद्ध काण्ड
»
सर्ग 128: भरत का श्रीराम को राज्य लौटाना, श्रीराम की नगरयात्रा, राज्याभिषेक, वानरों की विदार्इ तथा ग्रन्थ का माहात्म्य
»
श्लोक 96
श्लोक
6.128.96
आजानुलम्बिबाहु: स महावक्षा: प्रतापवान्।
लक्ष्मणानुचरो राम: शशास पृथिवीमिमाम्॥ ९६॥
अनुवाद
play_arrowpause
उनके बाहु घुटनों तक लम्बे थे और उनका सीना चौड़ा और विस्तृत था। वे एक शक्तिशाली और प्रभावशाली शासक थे। लक्ष्मण के साथ मिलकर श्रीराम ने इस पृथ्वी पर शासन किया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.