आतिष्ठ धर्मज्ञ मया सहेमां
गां पूर्वराजाध्युषितां बलेन।
तुल्यं मया त्वं पितृभिर्धृता या
तां यौवराज्ये धुरमुद्वहस्व॥ ९२॥
अनुवाद
धर्मज्ञ लक्ष्मण! पूर्व के राजाओं ने चतुरांगिणी सेना के साथ जिस भूमंडल के राज्य पर शासन किया था, उसी पर तुम भी मेरे साथ मिलकर राज करो। तुम्हारे पिता, पितामह और प्रपितामहों ने जिस राज्यभार को धारण किया था, उसी को मेरे समान तुम भी युवराज के पद पर स्थित होकर संभालो।