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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 128: भरत का श्रीराम को राज्य लौटाना, श्रीराम की नगरयात्रा, राज्याभिषेक, वानरों की विदार्इ तथा ग्रन्थ का माहात्म्य
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श्लोक 46
श्लोक
6.128.46
तस्य तद् वचनं श्रुत्वा भरत: सत्यविक्रम:।
हस्ते गृहीत्वा सुग्रीवं प्रविवेश तमालयम्॥ ४६॥
अनुवाद
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सत्यपराक्रमी भरत ने सुग्रीव का हाथ थामकर उसे उस भवन में प्रवेश कराया, जैसे ही सुग्रीव और भरत ने उस भवन में प्रवेश किया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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