श्रुत्वा च विस्मयं जग्मुरयोध्यापुरवासिन:।
वानराणां च तत् कर्म राक्षसानां च तद् बलम्।
विभीषणस्य संयोगमाचचक्षेऽथ मन्त्रिणाम्॥ ४०॥
अनुवाद
अयोध्यावासी वानरों के पुरुषार्थ और राक्षसों के बल के बारे में सुनकर बहुत आश्चर्यचकित हुए। भगवान राम ने अपने मंत्रियों को विभीषण से मिलने की घटना भी बताई।