श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 128: भरत का श्रीराम को राज्य लौटाना, श्रीराम की नगरयात्रा, राज्याभिषेक, वानरों की विदार्इ तथा ग्रन्थ का माहात्म्य  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  6.128.26 
 
 
इति ते मन्त्रिण: सर्वे संदिश्य च पुरोहित:।
नगरान्निर्ययुस्तूर्णं रामदर्शनबुद्धय:॥ २६॥
 
 
अनुवाद
 
  इस प्रकार आदेश देकर सभी मंत्री और पुरोहित श्री रामचंद्र जी के दर्शन के उद्देश्य से तत्काल नगर से बाहर निकल गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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