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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 128: भरत का श्रीराम को राज्य लौटाना, श्रीराम की नगरयात्रा, राज्याभिषेक, वानरों की विदार्इ तथा ग्रन्थ का माहात्म्य
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श्लोक 120
श्लोक
6.128.120
आदिदेवो महाबाहुर्हरिर्नारायण: प्रभु:।
साक्षाद् रामो रघुश्रेष्ठ: शेषो लक्ष्मण उच्यते॥ १२०॥
अनुवाद
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आदिदेव महाबाहु हरि नारायण ही प्रभु हैं। साक्षात् रूप में रघुकुल के श्रीराम और शेषनाग ही लक्ष्मण कहलाते हैं॥ १२०॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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