विजयेत महीं राजा प्रवासी स्वस्तिमान् भवेत्।
स्त्रियो रजस्वला: श्रुत्वा पुत्रान् सूयुरनुत्तमान्॥ ११६॥
अनुवाद
राजा इस मंत्र के श्रवण से पृथ्वी पर विजय प्राप्त करता है। दूसरे देश में यात्रा करने वाला व्यक्ति सुरक्षित रहता है, और जिस स्त्री को मासिक धर्म आ रहा हो, वह इसे सुनकर श्रेष्ठ पुत्रों को जन्म देती है।