वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 6: युद्ध काण्ड
»
सर्ग 127: अयोध्या में श्रीराम के स्वागत की तैयारी, भरत के साथ सबका श्रीराम की अगवानी के लिये नन्दिग्राम में पहुँचना, श्रीराम का आगमन, भरत आदि के साथ उनका मिलाप तथा पुष्पक विमान को कुबेर के पास भेजना
»
श्लोक 60
श्लोक
6.127.60
भरताश्रममासाद्य ससैन्यो राघवस्तदा।
अवतीर्य विमानाग्रादवतस्थे महीतले॥ ६०॥
अनुवाद
play_arrowpause
भरतजी के आश्रम के पास पहुँचकर श्रीरघुनाथजी अपनी सेना सहित विमान से उतरे और धरती पर खड़े हो गए।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.