श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 127: अयोध्या में श्रीराम के स्वागत की तैयारी, भरत के साथ सबका श्रीराम की अगवानी के लिये नन्दिग्राम में पहुँचना, श्रीराम का आगमन, भरत आदि के साथ उनका मिलाप तथा पुष्पक विमान को कुबेर के पास भेजना  »  श्लोक 59
 
 
श्लोक  6.127.59 
 
 
तत: प्रहर्षाद् भरतमङ्कमारोप्य राघव:।
ययौ तेन विमानेन ससैन्यो भरताश्रमम्॥ ५९॥
 
 
अनुवाद
 
  श्री रघुनाथजी ने भरत को बड़े हर्ष और स्नेह के साथ गोद में बिठाकर विमान के द्वारा ही सेना सहित उनके आश्रम में प्रवेश किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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