एतच्छ्रुत्वा यमाकारं भजते भरतस्तत:।
स च ते वेदितव्य: स्यात् सर्वं यच्चापि मां प्रति॥ १४॥
अनुवाद
इस बात को सुनकर भरत के चेहरे पर जो भाव आते हैं, उन पर ध्यान दें और समझने का प्रयास करें। भरत से मेरे प्रति कैसा व्यवहार होता है और उनके कर्तव्य क्या हैं, यह भी जानने का प्रयास करें।