श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 120: श्रीराम के अनुरोध से इन्द्र का मरे हुए वानरों को जीवित करना, देवताओं का प्रस्थान और वानर सेना का विश्राम  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  6.120.16 
 
 
अकाले पुष्पशबला: फलवन्तश्च पादपा:।
भविष्यन्ति महेष्वास नद्यश्च सलिलायुता:॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  महाधनुर्धर वीर! आपके निवास करने से ये वानर जहाँ रहेंगे, वहाँ असमय में भी वृक्ष फल-फूलों से लद जायँगे और नदियाँ जल से भरी रहेंगी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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