वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 6: युद्ध काण्ड
»
सर्ग 117: भगवान् श्रीराम के पास देवताओं का आगमन तथा ब्रह्मा द्वारा उनकी भगवत्ता का प्रतिपादन एवं स्तवन
»
श्लोक 24
श्लोक
6.117.24
देवा रोमाणि गात्रेषु ब्रह्मणा निर्मिता: प्रभो।
निमेषस्ते स्मृता रात्रिरुन्मेषो दिवसस्तथा॥ २४॥
अनुवाद
play_arrowpause
देवताओं की उत्पत्ति ब्रह्मा जी ने की और वे सभी आपके ही विराट शरीर में रोम हैं। आपकी आँखों का बन्द होना रात्रि और खुलना ही दिन है।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.