श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 116: सीता का श्रीराम को उपालम्भपूर्ण उत्तर देकर अपने सतीत्व की परीक्षा देने के लिये अग्नि में प्रवेश करना  »  श्लोक 35
 
 
श्लोक  6.116.35 
 
 
ददृशुस्तां त्रयो लोका देवगन्धर्वदानवा:।
शप्तां पतन्तीं निरये त्रिदिवाद् देवतामिव॥ ३५॥
 
 
अनुवाद
 
  तीनों लोकों के दिव्य प्राणी, ऋषि, देवता, गंधर्व और दानवों ने भगवती सीता को आग में गिरते हुए देखा, जैसे कि स्वर्ग से कोई देवी शापित होकर नरक में गिर गई हो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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