वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 6: युद्ध काण्ड
»
सर्ग 116: सीता का श्रीराम को उपालम्भपूर्ण उत्तर देकर अपने सतीत्व की परीक्षा देने के लिये अग्नि में प्रवेश करना
»
श्लोक 24
श्लोक
6.116.24
प्रणम्य दैवतेभ्यश्च ब्राह्मणेभ्यश्च मैथिली।
बद्धाञ्जलिपुटा चेदमुवाचाग्निसमीपत:॥ २४॥
अनुवाद
play_arrowpause
मिथिलेश कुमारी ने देवताओं और ब्राह्मणों को प्रणाम किया। फिर, दोनों हाथ जोड़कर वे अग्निदेव के पास गईं और इस प्रकार बोलीं-
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.