श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 114: श्रीराम की आज्ञा से विभीषण का सीता को उनके समीप लाना और सीता का प्रियतम के मुखचन्द्र का दर्शन करना  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  6.114.26 
 
 
किमर्थं मामनादृत्य क्लिश्यतेऽयं त्वया जन:।
निवर्तयैनमुद्वेगं जनोऽयं स्वजनो मम॥ २६॥
 
 
अनुवाद
 
  तुम मुझका अनादर करके ये सब लोगों को कष्ट क्यों दे रहे हो। इस उत्तेजनापूर्ण कार्य को रोक दो। यहाँ जितने भी लोग हैं, वे सब मेरे अपने लोग हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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