श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 113: हनुमान्जी का सीताजी से बातचीत करके लौटना और उनका संदेश श्रीराम को सुनाना  »  श्लोक 7
 
 
श्लोक  6.113.7 
 
 
वैदेहि कुशली राम: सहसुग्रीवलक्ष्मण:।
कुशलं चाह सिद्धार्थो हतशत्रुरमित्रजित्॥ ७॥
 
 
अनुवाद
 
  वैदेहि (सीता)! रामचन्द्र जी लक्ष्मण और सुग्रीव के साथ सकुशल हैं। अपने शत्रु (रावण) का वध करके सफलमनोरथ हुए उन शत्रु विजयी श्रीराम ने आपकी कुशलता के बारे में पूछा है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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