श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 110: रावण की स्त्रियों का विलाप  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  6.110.26 
 
 
विलेपुरेवं दीनास्ता राक्षसाधिपयोषित:।
कुरर्य इव दु:खार्ता बाष्पपर्याकुलेक्षणा:॥ २६॥
 
 
अनुवाद
 
  इस प्रकार राक्षसराज की सभी स्त्रियाँ दुख से पीड़ित होकर आँखों में आँसू भरकर दीन भाव से कोयल की तरह विलाप करने लगीं।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये युद्धकाण्डे दशाधिकशततम: सर्ग: ॥ १ १०॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके युद्धकाण्डमें एक सौ दसवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ १ १०॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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