इस प्रकार राक्षसराज की सभी स्त्रियाँ दुख से पीड़ित होकर आँखों में आँसू भरकर दीन भाव से कोयल की तरह विलाप करने लगीं।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये युद्धकाण्डे दशाधिकशततम: सर्ग: ॥ १ १०॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके युद्धकाण्डमें एक सौ दसवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ १ १०॥