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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 22
श्लोक
6.108.22
गतासुर्भीमवेगस्तु नैर्ऋतेन्द्रो महाद्युति:।
पपात स्यन्दनाद् भूमौ वृत्रो वज्रहतो यथा॥ २२॥
अनुवाद
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वह भयंकर वेगशाली और महातेजस्वी राक्षसराज (नैर्ऋतेन्द्रो) प्राणहीन हो गया और वज्र के मारे हुए वृत्रासुर की तरह रथ से पृथ्वी पर गिर पड़ा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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